सारांश: भारत में स्मार्ट सिटी परियोजना 2015 में शहरी विकास को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी। यह परियोजना शहरी जीवन की गुणवत्ता सुधारने, आधारभूत संरचना विकसित करने, पर्यावरण-संवेदनशील नीतियों को लागू करने तथा डिजिटल नवाचारों के माध्यम से प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है। इस लेख के अंतर्गत स्मार्ट सिटी परियोजना की विकास प्रक्रिया का विश्लेषण किया गया है तथा इससे उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की समीक्षा की गई है।
इस लेख का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह भारत में शहरीकरण की दिशा और उसमें आने वाली चुनौतियों को समझने में सहायक है। अध्ययन के दौरान नीतिगत ढांचे, विभिन्न स्मार्ट शहरों के विकासात्मक मॉडल, सरकारी रिपोर्टों एवं प्रासंगिक शोध-पत्रों का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में पाया गया कि स्मार्ट सिटी परियोजना ने बुनियादी ढांचे, डिजिटल गवर्नेंस एवं सतत विकास को बढ़ावा दिया है, लेकिन इससे विस्थापन, सामाजिक असमानता एवं आर्थिक असंतुलन जैसी समस्याएँ भी उत्पन्न हुई हैं।
अतः, यह शोध भारत में स्मार्ट सिटी परियोजना की प्रभावशीलता को समझने में मदद करता है और सतत शहरी विकास हेतु नीति-निर्माताओं को महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान करता है।
बीज शब्द: स्मार्ट सिटी, शहरी विकास, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, टिकाऊ विकास, डिजिटल इंडिया
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DOI:
10.17148/IMRJR.2025.020307
[1] वंशिका शुक्ला, डॉ० निधि अरोरा, "भारत में स्मार्ट सिटी परियोजना की विकास प्रक्रिया और उससे उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक प्रभाव," International Multidisciplinary Research Journal Reviews (IMRJR), 2025, DOI 10.17148/IMRJR.2025.020307