सारांश (Abstract): वर्तमान युग में मानव जीवन अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से ग्रस्त है, जिसका मुख्य कारण अनुचित जीवनशैली और असंतुलित आहार है। ऐसे में योग और योगिक आहार एक प्रभावशाली समाधान के रूप में उभर कर सामने आए हैं। योगिक आहार केवल शरीर का पोषण नहीं करता, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है। यह सात्विक, सुपाच्य, और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों पर आधारित होता है, जो न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है।
यह शोध योगिक आहार की परिभाषा, उसके घटक तत्वों और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करता है। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि नियमित योग अभ्यास के साथ संतुलित योगिक आहार अपनाने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा आदि जैसी बीमारियों से बचाव संभव है। साथ ही यह मानसिक तनाव को भी नियंत्रित करता है। आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में योगिक आहार को अपनाना स्वास्थ्य संवर्धन की दिशा में एक सशक्त कदम है। अतः यह आवश्यक है कि समाज योगिक आहार की उपयोगिता को समझे और उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करे, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति संभव हो सके।

कुंजी शब्द (Keywords): योगिक आहार, स्वास्थ्य संवर्धन, सात्विक भोजन, आधुनिक जीवनशैली, मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य


Download: PDF | DOI: 10.17148/IMRJR.2025.020412

Cite:

[1] उत्कर्ष दीक्षित ,डॉ0 गजानन्द वानखेड़े, "स्वास्थ्य संवर्धन में योगिक आहार की उपयोगिता," International Multidisciplinary Research Journal Reviews (IMRJR), 2025, DOI 10.17148/IMRJR.2025.020412